ताजा खबर
अक्षय कुमार का ‘हैवान’ मोड: जब हीरो ने अपने भीतर के राक्षस को जगाया   ||    अरबाज़ और शुरा खान के घर आई नन्ही परी – सिपारा खान का जन्म, खान परिवार में खुशी की लहर   ||    एल्ली अवराम ने तोड़ी चुप्पी: “लोग बोलेंगे, क्योंकि वही उनका काम है”   ||    हाई : जब एक मुस्कान ही कहानी कह दे   ||    मस्ती का नया धमाका: ‘मस्ती 4’ को मिली रिलीज़ डेट   ||    तारा सुतारिया और वीर पहाड़िया: इटली की रोमांटिक वेकेशन से एयरपोर्ट तक, स्टाइल और प्यार का जलवा   ||    पोर्श दुर्घटना ने उजागर किया पुणे में भ्रष्टाचार, कमिश्नर ने नाबालिगों में नशे के खतरे पर किया जोर   ||    पुणे में एटीएस और पुलिस की 18 ठिकानों पर छापेमारी, कट्टरता फैलाने वाले संदिग्धों की जांच   ||    Narak chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी कब है 19 या 20 अक्टूबर 2025, रूप चौदस का स्नान कब होगा?   ||    अमेरिकी डॉलर के खिलाफ चीन-रूस-भारत की बड़ी चाल! अब बढ़ेगी टैरिफ लगाने वाले ट्रंप की टेंशन   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने यासीन मलिक मामले में सीबीआई की याचिका खारिज की, कहा 'यहाँ तक कि अजमल कसाब पर भी निष्पक्ष सुनवाई हुई'

Photo Source :

Posted On:Friday, November 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 आतंकवादी हमले में शामिल अजमल कसाब के मामले की ओर इशारा करते हुए निष्पक्ष सुनवाई की बात पर प्रकाश डाला। यह तब हुआ जब अदालत कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मुकदमे का सामना करने के लिए जम्मू अदालत के आदेश के संबंध में सीबीआई की अपील पर सुनवाई कर रही थी। यह दो मामलों पर है, पहला साल 1990 में श्रीनगर में मारे गए चार भारतीय वायु सेना सेनानियों की हत्या के बारे में है। जबकि दूसरा तत्कालीन मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण के बारे में है। साल 1989. दोनों मामलों में अलगाववादी नेता यासीन मालिन आरोपी हैं.

फिलहाल यासीन मलिक टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. साल 2022 में कोर्ट ने आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधि रोकथाम अधिनियम मामलों की सुनवाई करते हुए यासीन को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था. यासीन ने कोर्ट की बात मान ली. लेकिन सीबीआई ने जम्मू कोर्ट के इस आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी कि उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से जम्मू-कश्मीर में हालात बिगड़ सकते हैं.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सुरक्षा मुद्दे को देखते हुए वे यासीन मलिक को ट्रायल के लिए जम्मू ले जाने के खिलाफ हैं।

बेंच में जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस एएस ओका थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुषार मेहता ने मुद्दा उठाया कि मलिक को जम्मू ले जाने से वहां का माहौल खराब हो सकता है, बेंच ने सवाल उठाया कि जम्मू-कश्मीर में कनेक्टिविटी खराब है तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परीक्षा कैसे होगी.

शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारे देश में अजमल कसाब पर भी निष्पक्ष सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों में किताब के मुताबिक नहीं चल सकती. यासीन अक्सर पाकिस्तान की यात्रा करता रहा है और हाफिज सईद के साथ मंच साझा कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई कि हां, जेल में कोर्ट रूम बनाया जा सकता है और वहां ये काम किया जा सकता है. और केंद्र से पूछा कि कितने गवाह होंगे और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में. सुनवाई की अगली तारीख गुरुवार 28 नवंबर को है.


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.